Thursday, July 3, 2008

Episode: 62 - Kumbhakaran Vadh by Ram

Ramayan (1986)
Directed by: Ramanand Sagar
Writing credits: Valmiki, Tulsidas, Ramanand Sagar
Year: 1986

कुम्भकर्ण का रणभूमि की ओर प्रस्थान

यही धर्मं, कर्तव्य यही, यही समयोचित ज्ञान
भाई पर भाई चला, होने को बलिदान

रणवीर मदमाता चला, उद्दंड लहराता चला
कंपित धरा पद भार से, नभ गूंजता हुँकार से
सेना में भगदड़ मच गयी, भयभीत हो भागे सभी
ये कौन भीषणकाय है, पग पग जो बढ़ता आये हैं !

कर लेकर वायव्य रमापति, बायों भुज विदीर्ण कर डारो ..
काटि दियो इन्द्रास्त्र चलायिके, अस्त्र वो शास्त्र चलावन हारो ..
शीश समुद्र में जाय गिरो, जगदीश ने ब्रह्मदंड जो मारो ..
पापी को साथ दियो एही कारण, मारो गयो निर्दोस बेचारो ..

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